मुण्डा जनजाति

मुण्डा जनजाति 

मुण्डा भारत की एक प्रमुख जनजाति हैं । मुण्डा जनजाति मुख्यता झारखण्ड के छोटा  नागपुर क्षेत्र में निवास करती हैं। झारखण्ड के अलावा ये ,बिहार ,ओडिसा और पश्चिम बंगाल आदि राज्यों में निवास करते हैं। 
मुण्डावों की भाषा मुंडारी है जो कि आस्ट्रो-एशियाटिक परिवार का एक मुख्य भाषा है। इनका भोजन मुख्य रूप से धान,मड़वा,मक्का, जंगल के कंद -मूल  और फल -फूल हैं। 

संस्कृति 

मुण्डा संस्कृति की सामाजिक व्यवस्था बहुत सरल होती हैं । मुंडाओं में शव को दफ़नाने का रिवाज है, और वे इन्हे पूर्वज या परिवार के अभिभावक के रूप में याद करते हैं । वर्ष में एक बार परिवार के सभी सदस्य अपनी श्रद्धांजलि देने के लिए दफन पत्थरों पर जाते हैं, यह आवश्यक माना जाता हैं।  पूर्वजों को याद करने के लिए अन्य पत्थर भी  गाड़े जाते हैं ,जिन्हें भों: धीरी कहा जाता है। यह पत्थर खड़े स्थिति में रखा जाता है ,इस पत्थर को  रखने के लिए भी समारोह होता है ,जिसे पत्थल गाड़ी या (धीरी बिद ) पर्व कहा जाता हैं । 

धर्म

ज्यादातर मुण्डा लोग सरना धर्म को मानते हैं ,वे एक ईश्वर पर विश्वास करते हैं,जो सिंगबोंगा कहलाता हैं । 
तथापि एक चौथाई मुण्डा लोगों ने ईसाई धर्म अपनाया हैं । 
मुंडाओं का उप नाम प्राकृतिक तत्वों पेड़, पशु  ,पक्षी या किसी प्राकृतिक संबंघित वस्तु पर आधारित होता हैं ।  

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SUBHASH CHANDRA

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